भारत आज़ाद होने के बाद भी आज पूर्ण रूप से अंग्रेज़ो का गुलाम है,अंग्रज़ों द्वारा चलाई गई शिक्षा पद्धति आज भी हमारे देश में चल रही है,अंग्रेज़ो की जैसी रहन सहन,अंग्रेज़ो की कंपनियों के उत्पाद आज भी हमारे देश मे बिक रहे,आज भी हमारे देश मे अंग्रेज़ी बोली जा रही है,अंग्रेज़ो द्वारा चली गई न्याय पद्धति भी आज चल रही है,सब कुछ अंग्रेज़ो द्वारा बनाई गई व्यवस्था हमारे देश मे आज भी चल रही है देश आज़ाद होने के बावजूद भी,तो किस बात की आज हम हर साल आजादी मनाते है देश गुलाम होने के बावजूद भी।इस गुलामी के कारण हमारा देश आगे बढ़ेगा कैसे विकसित होगा कैसे,भारत विश्व गुरु बनेगा कैसे।
➤भारतीय शिक्षा पद्धति का कैसे हुआ नाश
जब भारत देश अंग्रेज़ो का गुलाम था तब उस वक्त अंग्रेज़ो का एक ऑफिसर था जिसका का नाम (मैकॉले) था उसने अपने पिता को एक चिट्टी लिखी थी कि अगर भारतीय समाज को बर्बाद करना है तो भारतीय शिक्षा पद्धति को नाश करना होगा और वो खुद यह बात मानता था कि भारतीय शिक्षा पद्धति दुनिया की सबसे विकसित और सबसे अच्छी पद्धति है,क्या होता था यहाँ गुरुकुल चलते थे गुरुकुलों में विद्यार्थी पढ़ते थे और 20,25 साल ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए वह अपनी शिक्षा ग्रहण करते थे,संस्कार मिलते थे और वही संस्कार लेकर समाज मे जाते थे और उन्ही संस्कारो से संस्कृति बनती थी और वही संस्कृति भारतीय संस्कृति कहलाती थी। ऋषि थे मुनि थे बड़े-बड़े ज्ञानी के वही गुरुकुलो को चलाया करते थे और उन्ही गुरुकुलों में वेदों का अध्यन,पुराणों का अध्यन,उपनिषदो का अध्यन इन्ही सभी का अध्यन संस्कृत के माध्यम से कराया जाता था।मैकॉले ने क्या किया की अगर गुरुकुलों का नाश करने है तो उसने एक कानून बनाया की संस्कृत के माध्यम से जितने भी गुरुकुल चलते है उन सब को उसने गैरकानूनी घोषीत कर दिया और प्रतिबंध लगा दिया कि जो संस्कृत माध्यम से जो भी गुरुकुल चलेंगे उसको अंग्रेज़ी सरकार मान्यता नही देगी मान्यता उसी को देगी जो अंग्रेज़ी माध्यम से कॉन्वेंट स्कूल चलाएंगे और बकायदा उसके लिए मैकॉले ने एक कानून बनाया जिसका नाम है (इंडियन एजुकेशन एक्ट)और यह कानून लागू हुआ था 1858 में यानी की आज से 162 साल पहले जो कानून अंग्रेज़ो के समय मे लागू हुआ था वही कानून आज भी हमारे देश मे चल रहा है और उसने कहा कि जो भी इस अंग्रेज़ी माध्यम कॉन्वेंट स्कॉल से पढ़कर निकलेंगे वो शरीर से हिंदुस्तानी और दिमाग से अंग्रेज़ होजाएंगे और अंग्रेज़ो के हिसाब से सारे कार्य करेंगे और जो इस कान्वेंट स्कूल से पढ़कर निकलेगा तो सबसे पहले अपनी भारतीय संस्कृति को अपशब्द कहगा और अपने मात-पिता से भी वह बद्तमीजी से बात करेगा कैसे माँ को (मोम) कह के जिसका अर्थ होता है मरे हुए व्यक्ति का शव और अपने पिता को कहगा (डेड) जिसका अर्थ होता है मरा हुआ। इस तरह से ये शिक्षा पद्धति हमारी संस्कृति का नाश कर रही है।।
➤अंग्रेज़ी भाषा के बारे में
अंग्रेज़ी भाषा 5वी शताब्दी में शुरू हुई यानी करीब 12-1500 साल पुरानी और ये भाषा इतनी गरीब भाषा है कि इसके पास अपने कोई शब्द नहीं है दूसरे देशों से उधार ले रखे है जैसे कुछ फ्रेंच से,जर्मन से,डेनिश से,लैटिन से,हिंदी से,और इन सब भाषा के शब्दो को मिलाकर ये भाषा बनी है और जनता कहती है कि अंग्रेज़ी भाषा अंतराष्ट्रीय भाषा है,कैसे है कुल 200 देशो में से सिर्फ 14 देशो में ये अंग्रेज़ी भाषा बोली जाती है और 14 देश भी वो है जो अंग्रेज़ो के गुलाम थे जिसमें हमारा भारत देश भी आता है। तो ये भाषा कैसे अंतराष्ट्रीय भाषा हो सकती है। यह भाषा इतनी गरीब,रद्दी और गंदी भाषा है कि इसमे एक शब्द है (Madam) और ये शब्द फ्रेंच से उधार लिया हुआ है और इसका फ्रेंच में अर्थ है (Ma) यानि में और (dam) यानि स्त्री पूरा शब्द मिलकर बनता है (मेरी स्त्री) और एक शब्द है (Mr) जिसका अर्थ है धर्मपति के अलावा कोई भी पुरुष और है (Mrs) जिसका अर्थ है धर्मपत्नी के अलावा कोई भी स्त्री तो क्या आप ये गंदे शब्द प्रयोग करोगे अपने धर्मपत्नी/धर्मपति के लिए। इस भाषा की एक और बात बताना चाहूंगा कि जो हम अंग्रेज़ी में लिखते है वो हम बोलते नही और जो हम बोलते है वो हम लिखते नही जैसे हम बोलते है सुनामी और लिखते है टीसुनामी (Tsunami) और जेस हम लिखते है किटचन (Kitchen) और बोलते है किचन।
➤अगर हमे भारत को विश्वगुरु बनाना है तो हमे यह गुलामी खत्म करनी होगी:-
1)हमे अंग्रेज़ी बोलना और अंग्रेज़ी शब्द का प्रयोग करना बिल्कुल बंद करना होगा।
2)हमे अपने नाम को और हस्ताक्षर को हिंदी में करना होगा।
3)हमे ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करना होगा।
4)हमे मैकॉले शिक्षा पद्धति यानी अंग्रेज़ो द्वारा चलाई गई शिक्षा पर आवाज़ उठानी होगी ताकि यह शिक्षा पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएं और हमारी भारतीय शिक्षण पद्धति फिर से पुनः स्थापित हो।
5)हमे अंग्रेज़ो द्वारा हमारी देश मे चलाई गई जो भी व्यवस्था और कानून हो हमे उनके खिलाफ आवाज उठानी होगी।
6)हमे अंग्रेज़ो जैसे वस्त्र पहनने बंद करने होंगे।
7)हमे अपनी संस्कृति को फिर से शुरू करना होगा।
8)हमे अंग्रेज़ो जैसा गंदा खाना और गंदी पीने की चीजें बन्द करनी होगी।
9)हमे अंग्रेज़ो के उत्पाद खरीदने बन्द करने होंगे।
आखिर मे में आपको यह बताना चाहूंगा कि भारत को फिर से विश्वगुरु बनाना है तो एक पुस्तक है जिसे मेने पढ़ा है वह पुस्तक बहुत ही अनमोल पुस्तक है आप भी इस पुस्तक को जरूर पढ़े।
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